क्यो ली देवव्रत ने भीष्म प्रतीज्ञा और कैसे हुवा शांतनु और सत्यवती का विवाह?| kyo li devvrat ne bhisham pratigya or kese huva satyvati or shantanuka vivah( hindu Mythology)
क्यो ली देवव्रत ने भीष्म प्रतीज्ञा और कैसे हुवा शांतनु और सत्यवती का विवाह? kyo li devvrat ne bhisham pratigya or kese huva satyvati or shantanuka vivah ( hindu Mythology) devvrat ki bhisham pratugya by raja ravi varama केसे प्राप्त हुआ सत्यवती को शादिसे पहले पुत्र ?| kese prapt huva satyavtiko shadise pahale putra? देवव्रत का युवराज बनाना | Devvrat ka yuvraj banana देवी गंगाने देवव्रत को शांतनु को सोप दियाथा। अपने पुत्र को पाकर महाराज शांतनु बड़े खुश थे। देवव्रत का आचरण, उसका जनता के प्रति प्रेम, बड़ो के लिए आदर और उसके अनगिनत गुण महाराज शांतनुके मन मे घर कर गए थे। उन्हें अपने पुत्र की योग्यता पर पूरा भरोसा था। उन्होने एक दिन राज सभा बुलाकर देवव्रत को सभी मंत्री यो के सहमतीसे युवराज घोषित कर दिया । देवव्रत ने पिता की आज्ञा का मान रखते हुए युवराज पद ग्रहण कर लिया। महाराज शांतनु अब धीरे धीरे अपनी सारी जिमेदारी अपने पुत्र देवव्रत पर डालने लगे और राज्य कार्यभार में अपना सहभाग कम करने लगे। अब शांतनु निच्छिन्त थे । उन्हें अपने पुत्र पर पूरा भरोसा था और वह एक महान राजा बनेगा